अनधिकृत निर्माण पर कार्रवाई झेल रहे पुणे स्कूल को राहत नहीं, हाईकोर्ट बोला – अवैधता लाइलाज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे के एक स्कूल को अनधिकृत निर्माण के मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराष्ट्र में यह आम धारणा है कि कोई भी अवैध रूप से निर्माण कर सकता है और बाद में उसे नियमित कराने की मांग कर सकता है, लेकिन “अवैधता लाइलाज है”। हाईकोर्ट की बेंच ने इस टिप्पणी के साथ स्कूल की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दी थी।
अदालत ने कहा कि कानून का उल्लंघन करके बनाए गए अनधिकृत ढांचे को नियमित नहीं किया जा सकता। बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है और अवैध निर्माण को बढ़ावा देना कानून के शासन के खिलाफ है। स्कूल प्रबंधन ने तर्क दिया था कि निर्माण कुछ तकनीकी कारणों से अनधिकृत हो गया था और इसे नियमित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया।
हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अनधिकृत निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कोई भी करे। अदालत ने नगर निगम को कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने की अनुमति दी है। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो अवैध निर्माण करते हैं और बाद में उसे नियमित कराने की उम्मीद रखते हैं।