अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों पर असर, कृषि, दवा और रत्न उद्योग प्रभावित होने की आशंका

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर प्रतिशोधी टैरिफ लगाए जाने से कृषि, रत्न, रसायन, फार्मा, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रिकल और मशीनरी क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च टैरिफ अंतर के कारण इन क्षेत्रों पर अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी लग सकती है

प्रभावित सेक्टर और टैरिफ अंतर:

  1. रसायन और फार्मा: 8.6% टैरिफ अंतर
  2. प्लास्टिक: 5.6% अंतर
  3. कपड़ा और परिधान: 1.4% अंतर
  4. रत्न और आभूषण: 13.3% अंतर
  5. लोहा, इस्पात और धातु: 2.5% अंतर
  6. मशीनरी और कंप्यूटर: 5.3% अंतर
  7. इलेक्ट्रॉनिक्स: 7.2% अंतर
  8. ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स: 23.1% अंतर

कृषि क्षेत्र पर असर:

  1. मछली, मांस और समुद्री खाद्य पदार्थों पर 27.83% टैरिफ अंतर से झींगा निर्यात प्रभावित होगा।
  2. झींगा निर्यात पर पहले से ही एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाई जा रही है
  3. भारत से अमेरिका को कुल झींगा निर्यात का 40% हिस्सा जाता है
  4. प्रसंस्कृत खाद्य, चीनी और कोको पर 24.99% टैरिफ अंतर से निर्यात प्रभावित होगा।
  5. अनाज, सब्जियां, फल और मसाले (1.91 अरब डॉलर का निर्यात) पर 5.72% टैरिफ अंतर है।
  6. डेयरी उत्पाद (181.49 मिलियन डॉलर का निर्यात) पर 38.23% टैरिफ अंतर से घी, मक्खन और दूध पाउडर महंगे होंगे।
  7. खाद्य तेल (199.75 मिलियन डॉलर का निर्यात) पर 10.67% टैरिफ अंतर से बाजार में प्रतिस्पर्धा घटेगी।
  8. शराब, वाइन और स्पिरिट (19.2 मिलियन डॉलर का निर्यात) पर 122.10% टैरिफ अंतर के कारण भारतीय शराब महंगी होगी।
  9. जीवित पशु और पशु उत्पाद (10.3 मिलियन डॉलर का निर्यात) पर 27.75% टैरिफ अंतर का असर होगा।

विशेषज्ञों की राय:

  1. GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, डेयरी उत्पादों पर टैरिफ अंतर से भारतीय उत्पादों का अमेरिकी बाजार में हिस्सा घट सकता है
  2. कोलकाता के समुद्री खाद्य निर्यातक योगेश गुप्ता ने कहा कि यदि अमेरिका एक्वाडोर और इंडोनेशिया पर भी समान टैरिफ लगाए तो भारतीय निर्यातकों को थोड़ी राहत मिल सकती है
  3. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह टैरिफ ‘अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस’ होगा

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