अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर, रक्षा और कूटनीतिक मामलों पर होंगी अहम बैठकें.

नई दिल्ली: अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंच चुकी हैं। उनके इस दौरे को भारत-अमेरिका के रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गबार्ड के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी रणनीति और तकनीकी साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है।

तुलसी गबार्ड के इस दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक से होगी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा और खुफिया जानकारी साझा करने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर विशेष जोर रहेगा। इसके अलावा, अमेरिकी रक्षा विभाग और भारतीय रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच भी बातचीत होगी।

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा और रणनीतिक सहयोग के मद्देनजर यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। गबार्ड का यह दौरा इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”

सूत्रों के मुताबिक, तुलसी गबार्ड भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगी। इस मुलाकात में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभियान, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान और सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, साइबर हमलों और नई तकनीकों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने पर भी बातचीत होगी।

तुलसी गबार्ड ने भारत दौरे पर पहुंचने के बाद कहा, “भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए जरूरी हैं। मैं इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद करती हूं।”

इस दौरे के दौरान व्यापार और तकनीकी सहयोग पर भी बातचीत की संभावना है। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और संयुक्त सैन्य अभ्यास पर भी सहमति बनने की उम्मीद है।

तुलसी गबार्ड का यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ दोनों देशों के रक्षा और कूटनीतिक मोर्चे पर साझेदारी को और मजबूत करेगा।

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