आंध्र प्रदेश तट पर कछुओं की मौतों में वृद्धि, जनवरी में 3000 से अधिक शव मिले.

जनवरी महीने में ही 3000 से अधिक मृत कछुए मिले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मुख्य कारण यांत्रिक और अवैध मछली पकड़ना और समुद्री प्रदूषण है।

मछुआरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बड़े जालों में कछुए फंस जाते हैं और दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा, समुद्र में प्लास्टिक और अन्य कचरे के कारण भी कछुओं की मौत हो रही है। कछुए इन कचरे को भोजन समझकर खा लेते हैं, जिससे उनकी पाचन तंत्र खराब हो जाता है और वे मर जाते हैं।

यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि कछुए समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे समुद्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। कछुओं की मौत से समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर गहरा असर पड़ रहा है।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर हमें समुद्री जीवन के संरक्षण के महत्व को याद दिलाती है। हमें समुद्र को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए और मछली पकड़ने के तरीकों में सुधार करना चाहिए।

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