आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ पर ‘मौसम भवन स्पेशल आर्ट शोकेस’ का आयोजन.

इस कला पहल को दिल्ली स्ट्रीट आर्ट (DSA) के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें 38 भव्य भित्ति चित्रों (म्यूरल्स) के माध्यम से भारत में मौसम विज्ञान के विकास को दर्शाया गया।
इस पहल का उद्देश्य विज्ञान और आम जनता के बीच संबंध को मजबूत करना है। भित्ति चित्रों के जरिये भारत के विविध मौसम पैटर्न, मौसम पूर्वानुमान में तकनीकी प्रगति और जलवायु जागरूकता को प्रस्तुत किया गया। आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कैसे मौसम विज्ञान अब आपदा प्रबंधन और दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट की निदेशक मयूरी सैनी के अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट को 40 कलाकारों की टीम ने 6 हफ्तों में पूरा किया। उन्होंने बताया कि हर पैनल 20 फीट चौड़ा और 8 फीट ऊँचा है, जिससे कुल 38 बड़े पैनल बनाए गए।
आईएमडी और डीएसए ने यह सुनिश्चित किया कि कलाकृतियाँ भारत के जलवायु परिदृश्य को प्रामाणिक रूप से प्रदर्शित करें। भित्ति चित्रों के अगले 10 वर्षों तक टिके रहने की उम्मीद है।
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट का योगदान
मयूरी सैनी ने कहा, “हमने मौसम के प्रभाव, विज्ञान और तकनीक के विकास को दर्शाने का प्रयास किया है।” डीएसए की स्थापना को भी 12 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इसके संस्थापक योगेश सैनी ने कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का सपना देखा था।
प्रदर्शनी का महत्व
डॉ. महापात्रा ने इसे मौसम पूर्वानुमान के महत्व को समझाने का प्रभावशाली तरीका बताया। भित्ति चित्रों में दिखाया गया है कि मौसम विज्ञान केवल आपात स्थितियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आम जनजीवन पर गहरा प्रभाव डालता है।