इंदौर का भुला हुआ महल: भूतिया कहें या शापित, अधूरी फूटी कोठी उपेक्षित स्थल.

365 कमरों, एक छिपी हुई गुफा और बिना छत वाली इमारत… मध्य प्रदेश की फूटी कोठी में आपका स्वागत है, एक ऐसी जगह जहां इतिहास और किंवदंती आपस में धुंधली हो जाती हैं। इंदौर शहर के बाहरी इलाके में स्थित, यह विशाल, अधूरा महल सदियों से कहानियों और रहस्य में डूबा हुआ है। स्थानीय लोग इसे या तो भूतिया मानते हैं या शापित, जिसके कारण यह पर्यटकों और इतिहासकारों की नजरों से दूर एक उपेक्षित स्थल बना हुआ है।

फूटी कोठी का निर्माण 18वीं शताब्दी में होलकर वंश के शासकों द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन यह कभी पूरा नहीं हो सका। किंवदंती है कि निर्माण कार्य में लगातार बाधाएं आती रहीं, जिसके कारण इसे अधूरा छोड़ देना पड़ा। कुछ लोग इसके शापित होने की बात कहते हैं, जबकि अन्य का मानना है कि यहां किसी अदृश्य शक्ति का वास है। 365 कमरों की योजना अपने आप में अनूठी थी, माना जाता है कि हर दिन के लिए एक कमरा बनाया जाना था। महल के भीतर एक गुप्त गुफा भी मौजूद है, जिसके बारे में कई रहस्यमय कहानियां प्रचलित हैं।

आज, फूटी कोठी खंडहर में तब्दील हो चुकी है, लेकिन इसकी भव्यता के अवशेष अभी भी देखे जा सकते हैं। इसकी अधूरी संरचना, विशाल दीवारें और रहस्यमयी गुफा आगंतुकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाती हैं। इतिहास और किंवदंती के इस संगम स्थल को संरक्षित करने और इसे पर्यटन के मानचित्र पर लाने के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, ताकि लोग इंदौर के इस अनमोल और भूले हुए महल के बारे में जान सकें।

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