‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक लोकसभा में पेश, विपक्ष ने किया जोरदार विरोध.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ (वन नेशन, वन इलेक्शन) विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की व्यवस्था करना है। सरकार का दावा है कि इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी और प्रशासनिक सुचारूता सुनिश्चित होगी। हालांकि, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है। विपक्ष ने इसे संविधान के मूल ढांचे पर हमला करार दिया है।

सरकार का तर्क
लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ से देश में बार-बार चुनाव होने की स्थिति खत्म होगी। इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी और प्रशासनिक मशीनरी पर दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से विकास कार्यों पर असर पड़ता है, क्योंकि चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी कामकाज बाधित होता है।

कानून मंत्री ने आगे कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी और मतदाताओं को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और मतदाता जागरूकता भी बढ़ेगी।

विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने इस विधेयक को संविधान के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों की स्वायत्तता पर खतरा उत्पन्न होगा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होगी।

टीएमसी सांसद ने कहा कि यह विधेयक केंद्र की सत्ता को राज्यों पर थोपने का प्रयास है। डीएमके ने इसे भारतीय संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया, जबकि समाजवादी पार्टी ने इसे जनता के अधिकारों का हनन करार दिया।

आगे की रणनीति
सरकार ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार सभी पक्षों की राय लेगी और सहमति बनाने का प्रयास करेगी। हालांकि, विपक्ष ने संकेत दिया है कि वह इस विधेयक के खिलाफ एकजुट रहेगा।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। देखना होगा कि सरकार इस विधेयक पर विपक्ष को कैसे मनाती है और क्या यह विधेयक संसद में पारित हो पाता है या नहीं।

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