एफबीआई ने जीमेल, आउटलुक और वीपीएन यूजर्स को रैंसमवेयर खतरे को लेकर किया अलर्ट

वॉशिंगटन: अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने जीमेल, आउटलुक और वीपीएन (VPN) उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। एफबीआई ने कहा है कि हाल के दिनों में साइबर अपराधियों द्वारा रैंसमवेयर हमलों में तेजी आई है, जिससे लाखों उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा और खातों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।

एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स अब जीमेल, आउटलुक और वीपीएन जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म को निशाना बना रहे हैं। ये हमलावर फिशिंग (Phishing) ईमेल, मैलवेयर (Malware) और कमजोर पासवर्ड के जरिए उपयोगकर्ताओं के खातों तक पहुंच बना रहे हैं। एक बार खाते तक पहुंच मिलने के बाद हैकर्स उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी चोरी कर सकते हैं और फिर इसे वापस देने के बदले फिरौती (Ransom) की मांग कर सकते हैं।

कैसे हो रहा है हमला?

एफबीआई ने बताया कि साइबर अपराधी पहले उपयोगकर्ताओं को नकली ईमेल भेजते हैं, जिसमें किसी लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही उपयोगकर्ता इस लिंक पर क्लिक करते हैं, उनका सिस्टम मैलवेयर से संक्रमित हो जाता है। इसके बाद हैकर्स उपयोगकर्ता के पासवर्ड और अन्य गोपनीय जानकारियों तक पहुंच बना लेते हैं।

एफबीआई ने खुलासा किया है कि वीपीएन सेवा के जरिए भी हमले किए जा रहे हैं। कमजोर वीपीएन पासवर्ड या पुरानी सुरक्षा सेटिंग्स के कारण हैकर्स नेटवर्क में सेंध लगा रहे हैं और उपयोगकर्ताओं के सिस्टम को अपने नियंत्रण में ले रहे हैं।

एफबीआई की सलाह

एफबीआई ने उपयोगकर्ताओं को रैंसमवेयर हमलों से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को सक्रिय करें।

किसी भी अज्ञात ईमेल लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने से बचें।

नियमित रूप से अपने सिस्टम और एप्लिकेशन को अपडेट करें।

किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना संबंधित प्लेटफॉर्म को दें।

एफबीआई ने कहा है कि उपयोगकर्ताओं को इन सावधानियों का पालन करके रैंसमवेयर हमलों से बचाव करना चाहिए। साथ ही, अगर किसी उपयोगकर्ता का खाता हैक हो गया है, तो उसे तुरंत संबंधित सेवा प्रदाता और साइबर सेल को सूचित करना चाहिए।

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