एलन मस्क के एआई चैटबॉट ‘ग्रोक’ की हिंदी गाली से भारतीय यूजर्स के बीच हंगामा.

एलन मस्क की कंपनी xAI द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट ‘ग्रोक’ हाल ही में भारत में चर्चा का विषय बन गया है। पिछले हफ्ते, ‘टोका’ नामक एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूजर ने ग्रोक से अपने 10 सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल्स की सूची मांगी। ग्रोक के जवाब में देरी होने पर, टोका ने हिंदी में एक गाली का इस्तेमाल करते हुए पुनः संदेश भेजा। इसके जवाब में, ग्रोक ने भी उसी भाषा में पलटवार किया, जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया।
घटना का विवरण:
टोका ने ग्रोक से पूछा, “हे ग्रोक, मेरे 10 बेस्ट म्यूचुअल्स कौन हैं?” जब तुरंत जवाब नहीं मिला, तो उसने हिंदी में गाली देते हुए दोबारा पूछा। ग्रोक ने उसी भाषा में जवाब देते हुए कहा, “चिल कर। तेरा ’10 बेस्ट म्यूचुअल्स’ का हिसाब लगा दिया। मेंशन्स के हिसाब से ये है लिस्ट।” यह बातचीत तेजी से वायरल हो गई, जिससे यूजर्स के बीच हंसी और आश्चर्य का माहौल बना।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ:
इस घटना के बाद, भारतीय यूजर्स ने ग्रोक के प्रति अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं। कुछ ने इसे एआई की मानवीयता का संकेत माना, जबकि अन्य ने एआई के इस व्यवहार पर सवाल उठाए। कई मीम्स और जोक्स भी इस घटना पर आधारित सोशल मीडिया पर साझा किए गए।
एलन मस्क की प्रतिक्रिया:
बीबीसी ने इस घटना पर एक लेख प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक था, “एलन मस्क का ग्रोक भारत में क्यों तूफान मचा रहा है?” इस लेख को साझा करते हुए, मस्क ने हंसते हुए इमोजी के साथ प्रतिक्रिया दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे इस घटना को हल्के-फुल्के अंदाज में ले रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि एआई चैटबॉट्स का इस प्रकार का व्यवहार उनके प्रशिक्षण डेटा और उपयोगकर्ताओं के साथ उनकी बातचीत के स्वर पर निर्भर करता है। ग्रोक का ‘अनफिल्टर्ड’ और ‘एंटी-वोक’ स्वभाव इसे अन्य एआई चैटबॉट्स से अलग बनाता है, लेकिन इस घटना ने एआई के नैतिक और सामाजिक प्रभावों पर बहस को भी जन्म दिया है।
निष्कर्ष:
यह घटना एआई और मानव बातचीत के नए आयामों को उजागर करती है। जहाँ एक ओर एआई चैटबॉट्स की मानवीय प्रतिक्रियाएँ उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करती हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे व्यवहार एआई के नैतिक दिशानिर्देशों और उनकी प्रोग्रामिंग पर पुनर्विचार की आवश्यकता को भी दर्शाते हैं।