कर्नाटक बना गिग वर्कर्स के लिए कानून लागू करने वाला पहला राज्य, ऑर्डिनेंस लाने का फैसला.

  1. कर्नाटक सरकार ने प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को लागू करने का फैसला किया है।
  2. इस उद्देश्य से एक अध्यादेश (Ordinance) लाकर संबंधित बिल को लागू किया जाएगा।
  3. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।
  4. इसके तहत “कर्नाटक प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक” को लागू किया जाएगा।
  5. इस कानून के माध्यम से राज्य में गिग वर्कर्स के लिए एक कल्याण बोर्ड गठित किया जाएगा।
  6. यह बोर्ड गिग वर्कर्स के लिए विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू करेगा।
  7. इस बिल के तहत प्लेटफॉर्म कंपनियों से प्रत्येक लेन-देन पर 1 से 5 प्रतिशत तक का वेलफेयर शुल्क वसूला जाएगा।
  8. वसूली गई राशि को गिग वर्कर्स की भलाई के लिए उपयोग किया जाएगा।
  9. अनुमान के अनुसार, कर्नाटक में लगभग 2.3 लाख गिग वर्कर्स हैं।
  10. इनमें फूड डिलीवरी, कैब सेवा, कूरियर, और अन्य ऑनलाइन सेवा प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले शामिल हैं।
  11. कर्नाटक ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
  12. राजस्थान में भी पहले ऐसा कानून पास हुआ था, लेकिन सरकार बदलने के बाद लागू नहीं हो सका।
  13. सरकार का उद्देश्य गिग वर्कर्स को पेंशन, बीमा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं प्रदान करना है।
  14. यह कदम गिग इकॉनमी से जुड़े मजदूरों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगा।
  15. अध्यादेश लागू होते ही वेलफेयर बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।
  16. गिग वर्कर्स को लंबे समय से स्थायित्व और सुरक्षा की मांग थी।
  17. सरकार ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया है।
  18. इससे अन्य राज्य भी ऐसे कानून लाने की दिशा में प्रेरित हो सकते हैं।
  19. गिग वर्कर्स के अधिकारों को कानूनी मान्यता देना एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
  20. यह फैसला डिजिटल युग के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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