कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवाओं का निर्णय हाईकोर्ट पर निर्भर।

सरकार प्रतिबंध पर कायम
बेंगलुरु, कर्नाटक: कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवाओं का भविष्य अब उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश पर निर्भर हो गया है, क्योंकि राज्य सरकार इन सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंध पर पूरी तरह से कायम है। सोमवार से बेंगलुरु की सड़कों से बाइक टैक्सी सेवाएं पूरी तरह से नदारद हैं, जब कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें इन सेवाओं पर प्रतिबंध बरकरार रखा गया था।

यह स्थिति हजारों बाइक टैक्सी चालकों और लाखों यात्रियों के लिए अनिश्चितता का कारण बन गई है जो दैनिक आवागमन के लिए इन किफायती और तेज़ सेवाओं पर निर्भर थे। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पहले बाइक टैक्सी सेवाओं को अवैध ठहराया था, क्योंकि वे राज्य के मोटर वाहन अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं थीं। इसके बाद, कंपनियों और चालकों द्वारा दायर की गई याचिकाओं को खंडपीठ ने भी खारिज कर दिया, जिससे प्रतिबंध प्रभावी हो गया।

राज्य सरकार का रुख स्पष्ट है कि वह सुरक्षा और नियामक अनुपालन के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी। बाइक टैक्सी ऑपरेटरों का तर्क है कि यह प्रतिबंध उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और शहरी गतिशीलता के लिए एक सुविधाजनक विकल्प को समाप्त कर देगा। अब इस मामले में अंतिम निर्णय कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्ण और विस्तृत आदेश पर ही निर्भर करेगा, जिसके बाद ही बाइक टैक्सी सेवाओं के भविष्य पर स्पष्टता आ पाएगी।

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