कर्नाटक में मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 100% बढ़ोतरी, विधानसभा में बिल पास.

बेंगलुरु: कर्नाटक के मंत्रियों और विधायकों ने अपने वेतन और भत्तों में 100% बढ़ोतरी कर ली है।

शुक्रवार को बजट सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में दो विधेयक पारित किए गए, जिससे वेतन बढ़ोतरी को मंजूरी मिली।

वेतन में यह बढ़ोतरी जीवन यापन के बढ़ते खर्च को देखते हुए जरूरी बताई गई है।

दिलचस्प बात यह रही कि यह बिल कार्यसूची में शामिल नहीं था और अंतिम क्षणों में पेश किया गया।

विपक्ष के 18 विधायकों के निलंबन के विरोध में हुए हंगामे के बीच यह बिल ध्वनि मत से पारित किया गया।

इस बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री का वेतन अब ₹75,000 से बढ़कर ₹1.5 लाख हो गया है।

मंत्रियों का वेतन ₹60,000 से बढ़कर ₹1.25 लाख कर दिया गया है।

विधायकों का वेतन अब ₹40,000 से बढ़कर ₹80,000 कर दिया गया है।

इसके अलावा पूर्व विधायकों की पेंशन भी ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई है।

सरकार का कहना है कि महंगाई के कारण यह कदम उठाना जरूरी था।

हालांकि विपक्ष ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे जनता के हितों के खिलाफ बताया है।

विपक्ष का कहना है कि जब आम लोग महंगाई से जूझ रहे हैं, तब नेताओं का वेतन बढ़ाना अनुचित है।

मुख्यमंत्री ने इस फैसले को न्यायसंगत बताते हुए कहा कि विधायकों के काम का उचित मूल्यांकन किया गया है।

इस बिल के पारित होने के बाद राज्य में राजनीतिक गर्मी बढ़ने की संभावना है।

राज्य सरकार का मानना है कि इससे जनप्रतिनिधियों को बेहतर कार्य करने में मदद मिलेगी।

कुछ विशेषज्ञों ने इस बढ़ोतरी पर सवाल उठाते हुए इसे अनुचित ठहराया है।

जनता के एक वर्ग ने इस निर्णय पर कड़ी नाराजगी जताई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

वेतन बढ़ोतरी को लेकर राज्य में कई जगह प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है।

सरकार ने जनता को आश्वस्त किया है कि बजट में जनता के हितों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।

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