कल्याणकारी योजनाओं में CM के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल.

सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार
नई दिल्ली: कल्याणकारी योजनाओं के नाम और विज्ञापनों में मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर एक बड़ा कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है, जिसने इस मामले में सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। यह याचिका मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें इस तरह के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी।

31 जुलाई को, मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसी भी नई या फिर से शुरू की गई लोक कल्याणकारी योजनाओं का नाम जीवित व्यक्तियों के नाम पर रखने से रोक दिया था। अदालत ने सरकारी योजनाओं के प्रचार में मुख्यमंत्री की तस्वीर के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि सरकारी खजाने का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। इस फैसले से तमिलनाडु सरकार को बड़ा झटका लगा था।

अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि क्या मद्रास हाई कोर्ट का आदेश कानूनी रूप से सही है। सरकार ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि यह फैसला सरकारी योजनाओं के प्रचार और जनता तक जानकारी पहुंचाने के उनके अधिकार पर अंकुश लगाता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम करेगा।

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