कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी, राहुल गांधी करेंगे जिला प्रमुखों के साथ बैठक

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अप्रैल के पहले सप्ताह में लगभग 800 जिला प्रमुखों के साथ संवाद सत्र आयोजित करेंगे। इस सत्र के जरिए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और पार्टी के पुराने ढांचे को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई गई है।

योजनाओं के प्रमुख बिंदु

  1. 2014 के बाद से कांग्रेस कई राज्यों में कमजोर हुई है, इसलिए संगठन में बड़े बदलाव की आवश्यकता महसूस की गई।
  2. कांग्रेस ने हाल ही में जिला इकाइयों को सशक्त करने का फैसला लिया है ताकि पार्टी का संदेश देशभर में प्रभावी ढंग से पहुंच सके।
  3. राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता भी इस बैठक में भाग लेंगे।
  4. बैठक में ज़मीनी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर संगठन को मजबूत करने का रोडमैप तैयार किया जाएगा।

पार्टी की नई रणनीति

  1. फरवरी 19 को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ सात घंटे का मंथन सत्र आयोजित किया था।
  2. इसके बाद हिमाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब में पार्टी के नए प्रभारी नियुक्त किए गए।
  3. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार है, लेकिन खड़गे ने राज्य संगठन को भंग कर नए ढांचे के लिए रास्ता साफ किया है।

संगठनात्मक बदलाव के उद्देश्य

  1. जिला इकाइयों को सीधे एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) को अपनी रिपोर्ट भेजने की सुविधा दी जाएगी।
  2. इस नई व्यवस्था से ज़िला इकाइयां अधिक सक्रिय होंगी और संगठन की गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी।
  3. कांग्रेस का मानना है कि मजबूत स्थानीय इकाइयां पार्टी को सत्ता में लाने के लिए आवश्यक हैं।
  4. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पुरानी पेंशन योजना जैसे कार्यों को जनता के बीच प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए मजबूत राज्य इकाई की आवश्यकता है।

कांग्रेस का लक्ष्य

  1. सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस मजबूत स्थानीय इकाइयों के माध्यम से जन आंदोलन चलाएगी।
  2. इससे विपक्ष के रूप में भी कांग्रेस की भूमिका को मजबूत किया जाएगा।

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