केंद्रपाड़ा में बढ़ता मगरमच्छों का खतरा, 6 साल में 24 मौतें .

केंद्रपाड़ा, ओडिशा: ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में ब्रह्मणी और बैतरणी नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए नदी अब जीवन रेखा नहीं, बल्कि एक खतरा बन गई है। पिछले छह वर्षों में मगरमच्छों के हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत और आक्रोश का माहौल है। यह समस्या खासकर भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के इलाकों में ज्यादा गंभीर है।

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छों के संरक्षण का कार्यक्रम एक बड़ी सफलता रहा है, जिससे उनकी आबादी में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, संरक्षण की इस सफलता की मानव कीमत चुकानी पड़ी है। मगरमच्छ अब आबादी वाले क्षेत्रों के करीब आ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप नदी किनारे मछली पकड़ने या स्नान करने गए दर्जनों लोग इनके हमलों के शिकार होकर मारे गए हैं। स्थानीय लोग वन विभाग से सुरक्षा उपाय कड़े करने की मांग कर रहे हैं।

वन विभाग ने नदी किनारों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं और मगरमच्छों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ये उपाय पर्याप्त नहीं हैं और वे स्थायी समाधान चाहते हैं। केंद्रपाड़ा में बढ़ता मगरमच्छों का खतरा वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की एक जटिल चुनौती पेश करती है। सरकार को तुरंत इस समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि और जानों का नुकसान न हो।

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