केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र पर साधा निशाना, ‘संघीय व्यवस्था और लोकतंत्र को अस्थिर करने का आरोप’.

चेन्नई: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी नीतियां भारत की संघीय व्यवस्था और लोकतांत्रिक ढांचे को अस्थिर कर रही हैं।

विजयन ने यह बयान चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा आयोजित ‘निष्पक्ष परिसीमन’ को लेकर हुई संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में दिया।

इस बैठक के दौरान विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार का अचानक परिसीमन प्रक्रिया शुरू करना बिना किसी परामर्श के किया गया फैसला है, जो कि संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों से प्रेरित है।

उन्होंने कहा कि कई रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बिना किसी बातचीत के परिसीमन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।

विजयन ने कहा, “यह अचानक लिया गया फैसला किसी संवैधानिक सिद्धांत या लोकतांत्रिक आवश्यकता पर आधारित नहीं है, बल्कि इसके पीछे संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ छिपे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के फैसले देश की एकता और क्षेत्रीय संतुलन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

सीएम विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों में दखल देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रही है।

उन्होंने राज्यों से आह्वान किया कि वे इस प्रक्रिया का विरोध करें ताकि देश की संघीय प्रणाली को बचाया जा सके।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा और कहा कि बिना परामर्श के लिया गया परिसीमन का फैसला जनहित के खिलाफ है।

बैठक में कई अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों के नेताओं ने भी केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की।

उल्लेखनीय है कि परिसीमन प्रक्रिया को लेकर कई राज्यों में असंतोष की स्थिति बनी हुई है।

बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे।

सीएम विजयन ने इस मामले को संसद में उठाने का भी संकेत दिया।

परिसीमन प्रक्रिया पर विवाद के चलते राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच टकराव तेज हो सकता है।

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