गुजरात में सोमनाथ मंदिर के पास चल रहे विध्वंस कार्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि यदि सरकारी जमीन की सुरक्षा करनी है तो पांच से छह फीट ऊंची कंपाउंड वॉल (चहारदीवारी) बनाई जानी चाहिए। यह टिप्पणी तब आई जब गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में अपना पक्ष रखा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकारी जमीनों की सुरक्षा के लिए प्रशासन हमेशा कंपाउंड वॉल का निर्माण कर सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जोर दिया कि यदि उद्देश्य केवल सरकारी भूमि की सुरक्षा करना है, तो ऊंची दीवारों की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पांच से छह फीट की सामान्य ऊंचाई वाली चारदीवारी पर्याप्त होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि विध्वंस की कार्रवाई इस उद्देश्य से कहीं अधिक प्रतीत होती है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस की आवश्यकता और उसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि विकास के नाम पर अंधाधुंध विध्वंस स्वीकार्य नहीं है और सरकार को संतुलन बनाए रखना होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है, जिसमें विध्वंस के कारण, प्रभावित लोगों के पुनर्वास की योजना और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचने के उपायों का उल्लेख हो।

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