ग्वालियर: अब गन्ने की जगह चुकंदर से बनेगी चीनी, वैज्ञानिक कर रहे हैं रिसर्च.

भारत में अब तक गन्ने से चीनी बनाई जाती थी, लेकिन जल्द ही चुकंदर से भी चीनी बनाने की संभावना है।
ग्वालियर स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस पर गहन शोध कर रहे हैं।
यूरोप में चुकंदर से चीनी बनाने की तकनीक आम है, लेकिन भारत में अब तक यह प्रचलन में नहीं रही।
शोध के लिए डेनमार्क की एक कंपनी से चुकंदर के बीज मंगवाए गए हैं।
डॉ. आर.के. जायसवाल, जो इस शोध से जुड़े वैज्ञानिक और बागवानी प्रोफेसर हैं, ने इस प्रक्रिया की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत में आमतौर पर चुकंदर का उपयोग सलाद और जूस के रूप में किया जाता है।
अब सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को कृषि विश्वविद्यालय को सौंपा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह शोध सफल रहा, तो भारत में चीनी उत्पादन में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
चुकंदर से चीनी बनाने की यह तकनीक कम पानी और कम लागत में बेहतर उत्पादन दे सकती है।
यूरोपीय देशों में चुकंदर से बनाई गई चीनी की गुणवत्ता उच्च मानी जाती है।
अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो गन्ना किसानों को भी नई फसलों की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ सकती है।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस शोध को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
यदि चुकंदर से चीनी बनाने की प्रक्रिया सफल रही, तो भारत में चीनी उत्पादन में नया अध्याय जुड़ सकता है।
शोध के पहले चरण में प्रयोगशाला में चीनी निकालने की प्रक्रिया को परखा जा रहा है।
इसके बाद फील्ड ट्रायल और वाणिज्यिक उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो देश के कई राज्यों में इसे लागू किया जा सकता है।
अगले कुछ महीनों में शोध के नतीजे सामने आने की उम्मीद है।