जम्मू और कश्मीर में रामबन में आई हालिया बाढ़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 की भेद्यता को उजागर कर दिया है।

डोडा के विधायक ने इस आपदा के लिए ‘खराब योजना’ को जिम्मेदार ठहराया है। उनका मानना है कि राजमार्ग के निर्माण और रखरखाव में उचित योजना और दूरदर्शिता की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ डॉ. युद्धबीर सिंह ने राजमार्ग के पुनर्गठन के दौरान हुई चूक और विशेषज्ञ सलाह की अनदेखी को इस समस्या का मुख्य कारण बताया है। उन्होंने कहा कि यदि राजमार्ग के निर्माण से पहले पर्याप्त भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और विश्लेषण किया गया होता, तो इस तरह की बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से बचा जा सकता था। उनकी राय में, जल्दबाजी में और बिना उचित योजना के किए गए निर्माण कार्य ने राजमार्ग को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।

विधायक डोडा और डॉ. सिंह दोनों ने राजमार्ग की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका कहना है कि सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर योजना, विशेषज्ञ परामर्श और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। इसके साथ ही, राजमार्ग के संवेदनशील हिस्सों की नियमित निगरानी और रखरखाव भी आवश्यक है।

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