जयपुर सीरियल ब्लास्ट के 17 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय का इंतजार.

13 मई 2008 को हुए जयपुर सीरियल बम धमाकों के 17 साल बाद भी, पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय की प्रतीक्षा है। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को ‘दोषपूर्ण, अपूर्ण और अनुचित’ जांच करार देते हुए बरी किए जाने के बाद, यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। पीड़ितों का कहना है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी उन्हें यह जानने का इंतजार है कि आखिर उनके अपनों की जान लेने वाले कौन थे और उन्हें कब न्याय मिलेगा।
पीड़ितों के परिवारों ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि जांच में खामियां हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आरोपी निर्दोष हैं। उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की फिर से सुनवाई करे और दोषियों को सजा दे। इस घटना में 71 लोगों की जान चली गई थी और 185 से अधिक लोग घायल हुए थे।
पीड़ित आज भी उस भयावह दिन को नहीं भूल पाए हैं और न्याय की आस में जी रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कब होगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। पीड़ितों और उनके परिवारजनों को उम्मीद है कि शीर्ष अदालत उन्हें न्याय दिलाएगी और 17 साल का लंबा इंतजार खत्म होगा।