जसौदा मां कस्तूरी: अनाथ बच्चों की ममता भरी मां

कालाहांडी (ओडिशा): कस्तूरी जाल, जिन्होंने अपने प्यार से 1,200 से अधिक अनाथ बच्चों को मां की ममता दी, आज जसौदा अनाथालय की पहचान बन चुकी हैं। उन्होंने न सिर्फ इन बच्चों का पालन-पोषण किया बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया।
मुख्य बिंदु:
- कस्तूरी जाल ने कालाहांडी जिले में जसौदा अनाथालय की स्थापना की।
- वह 1,200 से अधिक अनाथ बच्चों की मां बन चुकी हैं।
- उनका उद्देश्य अनाथ बच्चों को परिवार जैसा माहौल देना है।
- उन्होंने बच्चों को शिक्षा, संस्कार और आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया।
- वह न केवल बच्चों को पालती हैं, बल्कि उनकी शादी भी कराती हैं।
- कई बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक बन चुके हैं।
- उनका अनाथालय सरकार या किसी संस्था की मदद पर निर्भर नहीं है।
- समाजसेवियों और स्थानीय लोगों के सहयोग से अनाथालय चलता है।
- हर नवजात को वह अपने बच्चे की तरह गोद लेती हैं।
- वे खुद ही बच्चों के लिए लोरी गाती और कहानियां सुनाती हैं।
- कस्तूरी मां बच्चों के जन्मदिन और त्योहार भी धूमधाम से मनाती हैं।
- उनका कहना है कि हर बच्चे को परिवार और प्यार मिलना चाहिए।
- वह जरूरतमंद बच्चों को उच्च शिक्षा तक की सुविधा देती हैं।
- अनाथ बच्चों को समाज में पहचान दिलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
- उनके प्रयासों की चर्चा पूरे ओडिशा में हो रही है।
- उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह बच्चों के लिए समर्पित कर दिया है।
- उनके द्वारा पाले गए कई बच्चे अब खुद समाजसेवी बन चुके हैं।
- वे कहती हैं कि मां बनने के लिए खून का रिश्ता जरूरी नहीं होता।
- उनका सपना है कि कोई भी बच्चा अनाथ न रहे।
- कस्तूरी मां को समाज सेवा के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।