दिल्ली: एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक पायलट का श्रीनगर से दिल्ली की उड़ान संचालित करने के कुछ ही देर बाद निधन हो गया।

यह दुखद घटना विमानन उद्योग में पायलटों पर पड़ने वाले अत्यधिक दबाव को रेखांकित करती है, जहां उन्हें अक्सर रात की शिफ्टों, सप्ताहांतों और छुट्टियों के दौरान काम करना पड़ता है।

सूत्रों के अनुसार, पायलट ने श्रीनगर से दिल्ली के लिए IX-XXXX उड़ान का संचालन किया था और दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

पायलट की मौत का संभावित कारण अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों में चिकित्सा संबंधी जटिलताओं का उल्लेख किया गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब विमानन उद्योग पायलटों पर काम के बढ़ते दबाव और थकान के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

विमानन क्षेत्र चौबीसों घंटे संचालित होता है, जिसके कारण पायलटों पर रात, सप्ताहांत और छुट्टियों में काम करने का अत्यधिक दबाव रहता है। अनियमित कार्य schedule, लंबी ड्यूटी के घंटे और पर्याप्त आराम की कमी पायलटों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

हाल के वर्षों में, पायलटों की थकान और संबंधित सुरक्षा जोखिमों के बारे में चिंताएं बढ़ी हैं। कई पायलट यूनियनों और विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों ने पायलटों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियों और पर्याप्त आराम के समय की वकालत की है।

इस दुखद घटना के बाद, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा है कि वे पायलट के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और इस कठिन समय में उनकी गोपनीयता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। एयरलाइन ने यह भी कहा कि वे संबंधित अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं।

यह घटना विमानन उद्योग में पायलटों के कल्याण और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है। नियामक निकायों और एयरलाइनों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है कि पायलटों को पर्याप्त आराम मिले और वे सुरक्षित रूप से उड़ान संचालन कर सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *