दिल्ली में अवैध रहवासियों पर कोर्ट ने केंद्र से दस्तावेज मांगे।

कोलकाता, पश्चिम बंगाल: कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए केंद्र सरकार से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे कुछ व्यक्तियों के निर्वासन (deportation) से संबंधित सभी मुकदमों के रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। यह निर्देश उन चिंताओं के मद्देनजर आया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं, जिससे सुरक्षा और आव्रजन नियमों पर सवाल उठ रहे हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे या पहले से निपट चुके सभी संबंधित मुकदमों के दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के संबंध में कानूनी प्रक्रिया का ठीक से पालन किया जा रहा है और कोई भी व्यक्ति बिना उचित अनुमति के देश में न रहे। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह समझने की कोशिश की कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और उन्हें निर्वासित करने में क्या चुनौतियां आ रही हैं।

यह आदेश अवैध प्रवासियों के मुद्दे की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभावों को दर्शाता है। कोर्ट चाहता है कि सरकार इस मुद्दे पर पारदर्शिता बरते और यह सुनिश्चित करे कि कानूनों का सख्ती से पालन हो। केंद्र सरकार को अब इन दस्तावेजों को निर्धारित समय सीमा के भीतर कोर्ट में पेश करना होगा, जिसके बाद मामले पर आगे की सुनवाई होगी।

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