न्यायपालिका के इतिहास में सबसे काला दिन: अनिल तिवारी.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायपालिका के हालिया फैसले को ‘सबसे काला दिन’ करार देते हुए अपने विरोध का ऐलान किया है। बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य अनिल तिवारी ने स्पष्ट किया कि एसोसिएशन नवनियुक्त न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेगी।
बार एसोसिएशन ने किया कड़ा ऐलान
अनिल तिवारी ने प्रेस वार्ता में कहा,
“हमारी न्यायपालिका पर गहरे संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे हालात में इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन चुप नहीं बैठ सकती। हमने शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का फैसला लिया है और हमारी हड़ताल का स्वरूप बदला जा सकता है।”
बार एसोसिएशन का यह निर्णय न्यायिक क्षेत्र में असंतोष को दर्शाता है। वकीलों ने इसे लोकतंत्र और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था के लिए खतरा बताया है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद हाल ही में न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ा है, जिसे लेकर वकीलों और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। बार एसोसिएशन के अनुसार, न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता और वरिष्ठता की अनदेखी की गई है, जिससे न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
वकीलों का बड़ा प्रदर्शन संभव
बार एसोसिएशन ने संकेत दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वकीलों ने कहा कि हड़ताल का स्वरूप बदलेगा, यानी कार्य बहिष्कार के अलावा अन्य बड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।
न्यायपालिका पर उठते सवाल
यह पहली बार नहीं है जब न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी न्यायिक नियुक्तियों, फैसलों और कार्यप्रणाली को लेकर विवाद सामने आ चुके हैं।
क्या होगा आगे?
इस मामले को लेकर अब केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया का इंतजार है। यदि बार एसोसिएशन और न्यायपालिका के बीच सहमति नहीं बनी, तो यह विवाद और गहरा सकता है।
अब देखना होगा कि हाई कोर्ट प्रशासन इस मामले में कैसा रुख अपनाता है और न्यायपालिका का सम्मान बरकरार रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।