न्यायिक हस्तक्षेप के बाद मिला अधिकार, अविनाश बने आईपीएस अधिकारी.
प्रमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियम पालन का संदेश सामने आया
झारखंड के लिए यह खबर महत्व रखती है कि डीएसपी अविनाश कुमार को अंततः भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति मिल गई है। यह फैसला तभी संभव हो पाया जब इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद UPSC और गृह मंत्रालय ने समीक्षा और निर्णय प्रक्रिया पूरी की।
समीक्षा के दौरान चयन सूची में उचित स्थान और तिथि निर्धारण पर विशेष ध्यान दिया गया। अंततः अविनाश को क्रम संख्या 3ए पर जगह मिली और नियुक्ति उनके जूनियर अधिकारी की नियुक्ति तिथि से प्रभावी घोषित की गई। आदेश में यह भी स्पष्ट है कि यह नियुक्ति आगे किसी न्यायिक आदेश के अधीन रहेगी।
यह पूरी प्रक्रिया प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गंभीरता और पारदर्शिता को दर्शाती है। इस फैसले के बाद राज्य की पुलिस व्यवस्था में सकारात्मक संदेश गया है कि योग्यता और नियमों की प्राथमिकता सर्वोपरि है। यह घटना भविष्य के लिए एक प्रशासनिक उदाहरण भी बनेगी।
