पत्थरबाजी, आगजनी और श्रद्धालुओं तथा पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ-साथ कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।

इस अशांति के कारण बिहार के रक्सौल सीमा पर कई लोग फंसे हुए हैं।

यह हिंसा तब भड़की जब हनुमान जयंती का जुलूस शहर के एक संवेदनशील इलाके से गुजर रहा था। अज्ञात तत्वों ने जुलूस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे भगदड़ मच गई और स्थिति जल्द ही नियंत्रण से बाहर हो गई। उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और दुकानों तथा घरों पर भी पथराव किया।

झड़पों में कई श्रद्धालु और पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया, लेकिन हिंसा जारी रही, जिसके बाद प्रशासन ने पूरे बीरगंज शहर में कर्फ्यू लगा दिया।

कर्फ्यू के कारण भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल में बड़ी संख्या में लोग फंस गए हैं, जिनमें बिहार के कई नागरिक भी शामिल हैं जो नेपाल घूमने या किसी काम से गए थे। सीमा सील कर दी गई है और लोगों को आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बिहार सरकार ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से नेपाली अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर फंसे हुए लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। रक्सौल सीमा पर फंसे लोगों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था की जा रही है।

नेपाल सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। बीरगंज में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इस घटना ने भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच समन्वय और सूचना साझाकरण को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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