पेंशन के हकदार नहीं कर्मचारियों की ग्रेच्युटी.

पीएफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर नहीं रोकी जा सकती: बॉम्बे HC
बॉम्बे हाईकोर्ट की एक एकल पीठ ने महाराष्ट्र होम्योपैथी परिषद को याचिकाकर्ताओं या उनके वारिसों को पीएफ और ग्रेच्युटी सौंपने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलती है, उनकी ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) को अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर नहीं रोका जा सकता।
जस्टिस संदीप मार्ने की एकल पीठ ने महाराष्ट्र होम्योपैथी परिषद के एक मामले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। परिषद ने दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी, उन्हें बर्खास्त कर दिया था और उनकी ग्रेच्युटी और पीएफ रोक दिया था। दोनों कर्मचारियों ने परिषद की कार्रवाई को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
अदालत ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सेवानिवृत्ति के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो पेंशन के हकदार नहीं हैं। अदालत ने परिषद को दोनों कर्मचारियों के लिए घोषित सजा रद्द करने और उन्हें तत्काल सेवानिवृत्ति लाभ देने का आदेश दिया।