प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ बयान पर लोकसभा में हंगामा, विपक्ष ने लगाए अनियमितता के आरोप.

नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ आयोजन पर दिए गए बयान को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तैयारियों और उसके महत्व पर चर्चा की, लेकिन विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया और सरकार पर अनियमितताओं के आरोप लगाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार इस आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने दावा किया कि इस आयोजन से देशभर के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर महाकुंभ की तैयारियों में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में पारदर्शिता का अभाव है। सरकार को इसके खर्च और प्रबंधन का पूरा ब्योरा संसद के सामने पेश करना चाहिए।”

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ के नाम पर जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है। उन्होंने कहा, “सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि महाकुंभ के आयोजन में कितना खर्च हुआ है और किस-किस कंपनी को ठेका दिया गया है।”

विपक्ष के भारी विरोध और नारेबाजी के चलते लोकसभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा। स्पीकर ने विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों में पूरी पारदर्शिता बरती है और सभी वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर महाकुंभ जैसे सांस्कृतिक आयोजन को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया।

महाकुंभ का आयोजन अगले वर्ष प्रस्तावित है और सरकार इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी तैयारी में जुटी है। हालांकि, विपक्ष के विरोध और आरोपों के बीच इस आयोजन की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

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