बंगाल स्कूल मिड-डे मील में आवारा कुत्तों को भोजन सवाल।

नया निर्देश आश्चर्य और चिंता का कारण
कोलकाता, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में एक अजीबोगरीब और विवादास्पद निर्देश ने शिक्षा और पशु कल्याण दोनों क्षेत्रों में बहस छेड़ दी है। यदि समग्र शिक्षा मिशन द्वारा हाल ही में जारी किया गया नया निर्देश लागू होता है, तो बंगाल के सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए बने मध्याह्न भोजन (Mid-Day Meals) में जल्द ही आवारा कुत्तों को भी हिस्सा मिलने लग जाएगा। इस अप्रत्याशित कदम ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया है और गंभीर चिंताएं पैदा की हैं।

इस निर्देश का उद्देश्य स्कूल परिसरों में घूमने वाले आवारा कुत्तों को भोजन उपलब्ध कराना हो सकता है, लेकिन इसने तुरंत कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्य चिंता यह है कि क्या इससे बच्चों के लिए उपलब्ध भोजन की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर पड़ेगा। मध्याह्न भोजन योजना का प्राथमिक लक्ष्य छात्रों को पोषण सुरक्षा प्रदान करना है, और भोजन के किसी भी मोड़ से इस उद्देश्य को खतरा हो सकता है। इसके अलावा, स्कूलों में जानवरों को खाना खिलाने से स्वच्छता और सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी उठ सकते हैं, खासकर छोटे बच्चों वाले स्कूलों में।

जबकि कुछ लोग इसे पशु कल्याण की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान सकते हैं, वहीं शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इस निर्णय पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका तर्क है कि छात्रों के पोषण और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सरकार को इस निर्देश के संभावित प्रभावों पर विचार करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी निर्णय से छात्रों के कल्याण से समझौता न हो।

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