बर्नीहाट: विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित, वायु गुणवत्ता गंभीर चिंता का विषय.

बर्नीहाट : असम-मेघालय सीमा पर स्थित बर्नीहाट शहर को हाल ही में विश्व का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है। स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी ‘आईक्यूएयर’ की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार, बर्नीहाट में पीएम 2.5 का स्तर 128 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक है。
प्रदूषण के प्रमुख कारण
बर्नीहाट में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं:
औद्योगिक उत्सर्जन: शहर में स्थित विभिन्न उद्योगों, जैसे शराब निर्माण, लोहा और इस्पात संयंत्रों से निकलने वाले उत्सर्जन, वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
वाहनों की भारी आवाजाही: असम और मेघालय के बीच माल ढुलाई करने वाले ट्रकों और अन्य वाहनों की भारी आवाजाही से भी वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है。
स्वास्थ्य पर प्रभाव
बढ़ते वायु प्रदूषण का स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। सांस की बीमारियों, हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि देखी जा रही है। जनवरी में, स्थानीय लोगों ने बढ़ते प्रदूषण स्तर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था।
प्रशासनिक कार्रवाई
बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए, अधिकारियों ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के लिए बर्नीहाट में सात औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया है। यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के प्रयासों का हिस्सा है।
राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
बर्नीहाट के अलावा, भारत के अन्य शहर भी वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। दुनिया के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं, जिनमें दिल्ली, मुल्लांपुर (पंजाब), फरीदाबाद, लोनी, गुरुग्राम, गंगानगर, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, मुजफ्फरनगर, हनुमानगढ़ और नोएडा शामिल हैं।
निष्कर्ष
बर्नीहाट में वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। स्थानीय प्रशासन, उद्योगों और नागरिकों को मिलकर इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके और निवासियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।