भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकों ने दक्षिण एशियाई ट्रीश्रूज़ (छछुंदर जैसे दिखने वाले स्तनधारी) के रहस्यों को उजागर किया है।

लंबे समय से, ट्रीश्रूज़ को गिलहरियों के समान दिखने के कारण उनकी सही पहचान और वर्गीकरण में भ्रम था।
ZSI के वैज्ञानिकों ने संग्रहालयों में रखे पुराने नमूनों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके उनकी शारीरिक विशेषताओं का विश्लेषण किया। इस गहन शोध से पता चला कि ट्रीश्रूज़ गिलहरियों से अलग हैं और ‘स्कैंडेंटिया’ नामक एक अलग समूह से संबंधित हैं। उनकी लंबी नाक, नम नाक पैड और कीटभक्षी आहार उन्हें गिलहरियों से अलग करते हैं।
ZSI की निदेशक धृति बनर्जी ने कहा कि यह अध्ययन दक्षिण एशिया में स्तनधारियों के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने विशेष रूप से निकोबार ट्रीश्रू जैसे स्थानिक प्रजातियों की सुरक्षा के लिए सटीक वर्गीकरण के महत्व पर जोर दिया, जो बढ़ते पर्यावरणीय दबावों का सामना कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण शोध ‘इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।