भारत ने USCIRF की रिपोर्ट को पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया.

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि USCIRF लगातार इस प्रकार के आकलन जारी करता आ रहा है, जो भारत की बहुसांस्कृतिक समाज की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।

USCIRF की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताई गई है और भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ (Country of Particular Concern) घोषित करने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (RAW) सिख अलगाववादियों के खिलाफ षड्यंत्रों में शामिल रही है, जिसके चलते RAW पर लक्षित प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की गई है।

प्रवक्ता जायसवाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि USCIRF का यह प्रयास भारत की लोकतांत्रिक और सहिष्णु छवि को धूमिल करने का है, जो सफल नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि USCIRF को स्वयं ‘चिंता का विषय’ (Entity of Concern) घोषित किया जाना चाहिए।

भारत सरकार ने पहले भी USCIRF की रिपोर्टों को खारिज किया है, उन्हें ‘दुष्टतापूर्ण’ और ‘राजनीतिक रूप से पक्षपाती’ बताया है। मंत्रालय ने कहा कि USCIRF को इस तरह के एजेंडा-चालित प्रयासों से बचना चाहिए।

USCIRF एक स्वतंत्र अमेरिकी सरकारी आयोग है, जो अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी करता है और नीति सिफारिशें प्रदान करता है। हालांकि, इसकी सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं और अमेरिकी सरकार की विदेश नीति में सीधे लागू नहीं होतीं।

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