मणिपुर हिंसा के बीच केंद्र की पहल से जगी शांति की उम्मीद, मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संवाद शुरू.

दिल्ली में हुई अहम बैठक, गृह मंत्रालय की पहल पर दोनों पक्षों ने जताई सकारात्मकता

मणिपुर में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा के बीच अब शांति की उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर दिल्ली में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों ने पहली बार आमने-सामने बैठकर संवाद किया। यह बैठक मणिपुर में शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, खुफिया एजेंसियों और मणिपुर प्रशासन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। दोनों समुदायों ने अपनी-अपनी चिंताएं और मांगें सामने रखीं। गृह मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि सभी पक्षों की बातों को गंभीरता से सुना जाएगा और जल्द ही ठोस समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, बैठक का माहौल सकारात्मक रहा और दोनों पक्षों ने बातचीत को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की निगरानी में चल रही इस प्रक्रिया को लेकर उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति स्थापना की दिशा में ठोस पहल होगी।

मणिपुर में पिछले साल से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव और हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों को अपना घर छोड़ना पड़ा। इन घटनाओं ने राज्य की सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था को गहरा झटका दिया।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि मणिपुर की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए ही कोई समाधान निकाला जाएगा। साथ ही, हिंसा में प्रभावित परिवारों को न्याय और पुनर्वास दिलाना सरकार की प्राथमिकता रहेगी।

इस बैठक को लेकर मणिपुर की जनता में भी आशा की नई किरण जगी है। लोग अब चाहते हैं कि बातचीत के जरिए स्थायी समाधान निकले और राज्य एक बार फिर शांति और विकास की राह पर लौटे।

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