मद्रास हाई कोर्ट में कामरा की याचिका पर सुनवाई, वकील ने दी सफाई.

चेन्नई : सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सुंदर मोहन की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले को लेकर पक्षों की दलीलें सुनीं। कामरा के वकील ने दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया है, बल्कि उन्होंने सामान्य रूप से कई लोगों और मुद्दों पर अपनी राय रखी।
क्या है मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर कुछ बयान दिए, जिन्हें न्यायपालिका की छवि को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया। इसके बाद, उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
कामरा के वकील ने कोर्ट में कहा, “मेरे मुवक्किल ने किसी भी जज या विशेष न्यायिक अधिकारी का नाम नहीं लिया है। उन्होंने केवल मौजूदा परिस्थितियों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी।”
याचिकाकर्ता का तर्क
कामरा के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि उनकी टिप्पणियां न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और इससे आम जनता के मन में न्यायपालिका के प्रति अविश्वास पैदा हो सकता है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस तरह की टिप्पणियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी न्यायपालिका की छवि खराब करने की कोशिश न करे।
कामरा की दलीलें और कोर्ट का रुख
कामरा की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि उनकी टिप्पणियां “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के तहत आती हैं और यह लोकतंत्र का हिस्सा है। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि कॉमेडी और व्यंग्य समाज का आईना होते हैं, और इसे अवमानना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
हालांकि, अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है और इस पर सभी पक्षों से विस्तृत जवाब मांगा है।
आगे की रणनीति
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाती है। यदि कोर्ट ने कामरा के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की या कोई सख्त आदेश दिया, तो यह भविष्य में कॉमेडियनों और सामाजिक टिप्पणीकारों के लिए एक मिसाल बन सकता है।