महंगाई की मार: दूध की कीमतों में बढ़ोतरी, बस-मेट्रो किराया और बिजली दरें भी बढ़ीं.

बेंगलुरु : आम जनता को एक और झटका लगा है। कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) ने राज्य में दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके अलावा, बस और मेट्रो किराए में भी इजाफा किया गया है, वहीं बिजली दरों में वृद्धि से लोगों की जेब पर और भार पड़ेगा।
दूध के दाम बढ़ने का कारण
केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नाइक ने कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने और किसानों को उचित लाभ देने के उद्देश्य से दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया गया है। नई दरें अगले सप्ताह से लागू होंगी। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि दूध के दाम कितने रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जाएंगे।
बस और मेट्रो किराए में बढ़ोतरी
राज्य परिवहन विभाग ने बस और मेट्रो किराए में भी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। अधिकारियों का कहना है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और परिचालन लागत में वृद्धि के कारण यह फैसला लिया गया है।
शहरी बस किराया – औसतन 10-15% बढ़ोतरी की गई है।
मेट्रो किराया – न्यूनतम किराया 2 रुपये और अधिकतम किराया 5 रुपये तक बढ़ाया गया है।
बिजली दरों में भी बढ़ोतरी
राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने घरेलू और व्यावसायिक बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा की है।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए – 1 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि।
औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए – 1.5 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि।
जनता की परेशानी बढ़ी
इस एक साथ बढ़ी महंगाई से आम जनता परेशान है। कई लोगों का कहना है कि पहले से ही महंगाई ने कमर तोड़ रखी थी, अब दूध, बस, मेट्रो और बिजली के दाम बढ़ने से जीवन यापन और मुश्किल हो जाएगा।
सरकार का क्या कहना है?
राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसले विकास कार्यों को बनाए रखने और किसानों को लाभ देने के लिए जरूरी थे। हालांकि, सरकार ने यह भी संकेत दिया कि कमजोर और गरीब तबके के लिए कुछ राहत उपायों पर विचार किया जा सकता है।
अब देखना होगा कि जनता की बढ़ती नाराजगी के बीच सरकार कोई कदम उठाती है या नहीं।