यूएई बना भारतीय स्वर्ण तस्करों की पहली पसंद.

भारत में सोने की तस्करी के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तस्करों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यूएई में सोने की अपेक्षाकृत कम कीमत और भारत में लाए जाने पर लगने वाला शून्य आयात शुल्क है, जो तस्करों के लिए आकर्षक साबित हो रहा है। कानून के अनुसार, एक पुरुष यात्री दुबई से अधिकतम 20 ग्राम सोना ले जा सकता है, जबकि बच्चे और महिलाएं 40 ग्राम तक सोना ले जा सकते हैं।

तस्कर इस कानूनी छूट का फायदा उठाकर छोटी-छोटी खेपों में सोना लाते हैं, जिससे हवाई अड्डों पर उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। यूएई से भारत के लिए सीधी उड़ानों की अधिक संख्या भी तस्करों के लिए एक सुगम मार्ग प्रदान करती है। सोने की कीमतों में अंतर और आयात शुल्क की अनुपस्थिति तस्करों को अच्छा मुनाफा कमाने का अवसर देती है।

सीमा शुल्क अधिकारियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि तस्कर नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर सोने की तस्करी करने की कोशिश करते हैं। हाल के वर्षों में यूएई से सोने की तस्करी के कई मामले सामने आए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मार्ग तस्करों के लिए कितना महत्वपूर्ण हो गया है।

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