राजस्थान हाईकोर्ट ने शादी के बाद बलात्कार मामला किया रद्द.
जयपुर, राजस्थान: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक दुष्कर्म (Rape) के मामले में दायर की गई प्राथमिकी (FIR) को खारिज (Dismissed) कर दिया है, क्योंकि मामले की पीड़िता अब वयस्क हो चुकी है और उसने आरोपी से विवाह कर लिया है। हाईकोर्ट का यह फैसला आपराधिक न्याय प्रणाली में पीड़ितों की इच्छा और सामाजिक यथार्थ को ध्यान में रखने के एक मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह मामला अपराध और विवाह के बीच के जटिल कानूनी पहलुओं को उजागर करता है।
कोर्ट को सूचित किया गया कि पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष यह पुष्टि की है कि उसने स्वेच्छा से आरोपी से विवाह किया है और वह अब उसके साथ शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रही है। पीड़िता ने न्यायालय से अर्जी दी कि वह इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं चाहती है। न्यायिक पीठ ने इस बात पर विचार किया कि जहाँ एक ओर दुष्कर्म एक गंभीर अपराध है, वहीं दूसरी ओर दोनों पक्षों के वैवाहिक संबंध अब बन चुके हैं और वे एक साथ रहना चाहते हैं।
न्यायालय ने इस स्थिति में आगे मुकदमे को जारी रखने से दोनों पक्षों के जीवन में और जटिलताएँ पैदा होने की संभावना को देखते हुए, न्याय के हित में FIR को रद्द करने का फैसला किया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सुनिश्चित किया कि यह फैसला अपराध को बढ़ावा देने के बजाय एक विशेष मानवीय परिस्थिति में दिया गया है। यह फैसला कानूनी सिद्धांतों और सामाजिक वास्तविकता के बीच संतुलन स्थापित करने की न्यायपालिका की क्षमता को दर्शाता है।
