रिम्स परिसर अतिक्रमण विवाद पर हाईकोर्ट ने सख्त और स्पष्ट रुख दिखाया
प्रशासन को मिली पूरी मंजूरी, विरोध याचिकाएं सुनवाई में अस्वीकार हुईं
रांची का रिम्स परिसर एक बार फिर सुर्खियों में है. लंबे समय से अस्पताल के आसपास का क्षेत्र अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा था. हाईकोर्ट ने इस महत्वपूर्ण मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी विरोध याचिकाएं खारिज कर दी हैं. अदालत ने कहा कि अस्पताल की भूमि सार्वजनिक हित से जुड़ी है. ऐसे में किसी भी तरह का अतिक्रमण स्वीकार्य नहीं है. इस फैसले से प्रशासन की चल रही कार्रवाई को नई ताकत मिल गई है. अदालत ने हस्तक्षेप याचिकाओं को भी आधारहीन माना. यह निर्णय शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था में परिवर्तन का संकेत है. लोग इसे ठोस कदम बता रहे हैं.
सुनवाई के दौरान कई अधिकारी उपस्थित रहे. डीसी और एसएसपी ने अदालत को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. प्रशासन ने बताया कि तीन दिन की मोहलत पहले ही दी गई थी. इसके बावजूद परिसर खाली नहीं किया गया. अदालत ने इसे गंभीरता से लिया और प्रशासनिक कार्रवाई को सही ठहराया. रिम्स की भीतरी और बाहरी व्यवस्था पहले से प्रभावित रही है. पार्किंग, रास्तों और मरीजों की आवाजाही पर भी असर पड़ा था. इस कार्रवाई से इन समस्याओं के समाधान की उम्मीद है. अधिकारी कहते हैं कि यह कदम अस्पताल की भविष्य योजनाओं के लिए आवश्यक है.
हालांकि कैलाश कोठी पर लगी रोक अभी बनी रहेगी. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार तय की है. प्रशासन अन्य हिस्सों में कार्रवाई जारी रखेगा. रिम्स में आने वाले लोग मानते हैं कि यह बदलाव जरूरी था. धीरे-धीरे परिसर की तस्वीर बदलती दिखेगी. साफ-सफाई और सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. शहर के नागरिक भी फैसले से संतुष्ट नज़र आ रहे हैं. कई संगठनों ने भी इसे स्वागत योग्य पहल बताया है. आने वाले हफ्तों में परिणाम और स्पष्ट होंगे. यह फैसला एक बड़े सुधार की शुरुआत माना जा रहा है. रिम्स की व्यवस्था अब बेहतर दिशा में बढ़ेगी.
