रिम्स भूमि अतिक्रमण पर हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिया.

एसीबी जांच और पीड़ितों को मुआवजा देने निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स की जमीन से जुड़े अतिक्रमण मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि यह मामला गंभीर सार्वजनिक हित से जुड़ा है। रिम्स की जमीन स्वास्थ्य व्यवस्था से संबंधित है। ऐसे में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। कोर्ट ने पारदर्शिता पर जोर दिया है।

न्यायालय ने अधिकारियों, संस्थाओं और बिल्डरों की भूमिका जांचने को कहा है। अदालत ने पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। इस मामले में जमीन की खरीद बिक्री की जांच होगी। नक्शा पास करने की प्रक्रिया भी जांच के दायरे में आएगी। बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। कोर्ट ने कहा कि पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए।

न्यायालय ने फ्लैट खरीदने वाले आम लोगों के प्रति सहानुभूति जताई है। कोर्ट ने कहा कि वे जालसाजी के शिकार हुए हैं। ऐसे लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए। मुआवजा सरकारी खजाने से नहीं दिया जाएगा। दोषी अधिकारियों और बिल्डरों से वसूली होगी। अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी।

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