लद्दाख के युवा बढ़ती बेरोजगारी और नीतिगत देरी के कारण नाराज हैं।

युवाओं ने सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए स्पष्ट अधिवास नीति की अनुपस्थिति, भर्ती अधिसूचनाओं में देरी और अपर्याप्त परीक्षा अवसंरचना जैसे प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला है। उनका कहना है कि इन समस्याओं के कारण क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सीमित हो रहे हैं और उनके भविष्य पर अनिश्चितता का बादल मंडरा रहा है।
युवाओं ने विशेष रूप से एक स्पष्ट अधिवास नीति की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो यह परिभाषित करे कि सरकारी नौकरियों और अन्य अवसरों के लिए कौन पात्र है। ऐसी नीति की अनुपस्थिति के कारण, बाहरी लोगों को लाभ मिल रहा है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती अधिसूचनाओं में लगातार देरी हो रही है, जिससे योग्य उम्मीदवार लंबे समय तक अनिश्चितता की स्थिति में रहने को मजबूर हैं।
परीक्षा अवसंरचना की कमी भी एक बड़ी समस्या है। युवाओं का कहना है कि लद्दाख में पर्याप्त परीक्षा केंद्र और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण उन्हें परीक्षाओं में भाग लेने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार से इन सभी मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने और युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। युवाओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।