लद्दाख में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाने की तैयारी, सहकारी क्षेत्र के पुनर्जीवन पर जोर

लेह: लद्दाख प्रशासन ने आगामी नए वित्तीय वर्ष के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर पूरे केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, बंद पड़े सहकारी क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

लद्दाख के सहकारिता विभाग ने इस पहल के तहत सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने और उनके कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से व्यापक योजना तैयार की है। अधिकारियों का मानना है कि सहकारी संस्थाओं के पुनर्जीवन से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

सहकारिता के पुनर्जीवन पर विशेष ध्यान

सूत्रों के अनुसार, लद्दाख में कई सहकारी समितियां पिछले कुछ वर्षों से निष्क्रिय पड़ी थीं, जिससे स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाने का फैसला किया है। सहकारिता विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता, प्रबंधन प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकों की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

कार्यक्रमों की रूपरेखा

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत लद्दाख में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए जागरूकता अभियान।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण सत्र।

सफल सहकारी समितियों की कार्यशैली पर आधारित वर्कशॉप।

स्थानीय उत्पादों के विपणन और बिक्री के लिए विशेष मेलों का आयोजन।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

प्रशासन का मानना है कि सहकारी समितियों को मजबूत करने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और कृषि, हस्तशिल्प और डेयरी जैसे क्षेत्रों को नई ऊर्जा मिलेगी। इससे न केवल स्थानीय उत्पादकों को लाभ मिलेगा, बल्कि लद्दाख की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को भी संरक्षित किया जा सकेगा।

सहकारिता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “लद्दाख में सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करना हमारी प्राथमिकता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों को स्वावलंबी बनने का अवसर मिलेगा।”

लद्दाख प्रशासन की इस पहल से सहकारी क्षेत्र में नए उत्साह का संचार होने की उम्मीद है, जिससे लद्दाख का आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य बेहतर होगा।

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