लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में मौत, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

इस्लामाबाद: लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अबू कताल की मौत आतंकी संगठनों के बीच आपसी रंजिश का नतीजा हो सकती है। अबू कताल भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था और लंबे समय से भारतीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था। उसकी मौत से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बड़ा झटका लगा है।
सूत्रों के अनुसार, अबू कताल को पाकिस्तान के रावलपिंडी इलाके में गोली मारकर हत्या की गई। हमले के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हमले के बाद से पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और हमलावरों की तलाश जारी है।
अबू कताल पिछले दो दशकों से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अबू कताल 2008 के मुंबई हमलों की योजना में भी शामिल था। इसके अलावा, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों पर हुए कई हमलों का भी वह मास्टरमाइंड था। उसकी गतिविधियों के कारण भारत ने कई बार पाकिस्तान से उसे सौंपने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इस मांग को नजरअंदाज किया।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अबू कताल की हत्या आतंकी संगठनों के भीतर चल रहे आंतरिक संघर्ष का परिणाम हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के भीतर नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके कारण अबू कताल की हत्या की गई।
अबू कताल की मौत के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है ताकि किसी भी तरह के जवाबी हमले से बचा जा सके। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “अबू कताल की मौत से लश्कर-ए-तैयबा कमजोर हो सकता है, लेकिन इससे खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।”
अबू कताल की मौत से पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा के बीच के संबंधों पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय खुफिया एजेंसियां इस घटना पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।