लोकसभा में पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, ममता बनर्जी ने रद्द करने का किया दावा.

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद अब राज्यसभा में पेश कर दिया गया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है और दावा किया है कि यदि केंद्र में नई सरकार बनती है तो इसे रद्द कर दिया जाएगा। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।

लोकसभा में बहुमत से पास हुआ बिल

लोकसभा में इस विधेयक को भारी बहुमत से पारित किया गया। सरकार ने इसे अल्पसंख्यक समुदायों की संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया था। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के अधिकारों पर असर पड़ेगा।

राज्यसभा में भी जारी है बहस

अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया है, जहां इसे लेकर तीखी बहस हो रही है। विपक्षी दल इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और प्रशासनिक पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है।

ममता बनर्जी का कड़ा रुख

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा, “यह विधेयक अन्यायपूर्ण है और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर केंद्र में नई सरकार बनती है, तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।”

ममता बनर्जी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। उनके इस रुख से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) आने वाले चुनावों में इसे एक बड़ा मुद्दा बना सकती है।

विपक्ष के अन्य दलों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने भी इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को सीमित कर सकता है।

निष्कर्ष

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। जहां सरकार इसे पारदर्शिता के लिए जरूरी मान रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बता रहा है। ममता बनर्जी का दावा इस बहस को और तेज कर सकता है, जिससे आने वाले चुनावों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।

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