श्रीनगर: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कश्मीर के पुलवामा में एनआईटी श्रीनगर के नए परिसर के लिए पेड़ों की कटाई पर रिपोर्ट मांगी है।

यह मामला पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट द्वारा दायर किया गया है, जो परियोजना के कारण होने वाले संभावित पर्यावरणीय क्षरण को लेकर चिंताएं उठाता है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार, जम्मू और कश्मीर सरकार और एनआईटी श्रीनगर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश राजा मुजफ्फर भट द्वारा दायर एक याचिका पर आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलवामा के लारगाम इलाके में एनआईटी श्रीनगर के स्थायी परिसर की स्थापना के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई से क्षेत्र की पारिस्थितिकी और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पेड़ों की कटाई के लिए आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना दी गई है। एनजीटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजना पर्यावरण कानूनों और नियमों के अनुरूप हो।

एनजीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट में पेड़ों की कटाई की आवश्यकता, काटे गए पेड़ों की संख्या, और परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए उठाए गए कदमों जैसी सभी प्रासंगिक जानकारी शामिल होनी चाहिए। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

यह मामला विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर करता है, खासकर पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में।

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