सरकारी अफसरों को नियुक्ति की तारीख से पहले सीनियरिटी का हक नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि सरकारी अफसरों को सीनियरिटी उस दिन से नहीं मिल सकती जब पद खाली हुआ था, जब तक नियमों में इसकी साफ अनुमति न हो।

  1. हाईकोर्ट ने JKAS अफसरों की याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
  2. यह याचिकाएं 1992 और 1999 बैच के अफसरों ने दाखिल की थीं।
  3. अफसरों ने 2011 की सीनियरिटी लिस्ट को चुनौती दी थी।
  4. उनका दावा था कि 2004 से 2007 के बीच प्रमोशन में देरी से सीनियरिटी चली गई।
  5. कोर्ट ने CAT के फैसले को सही ठहराया जो 2011 की सूची को मान्यता देता है।
  6. अदालत ने JKAS नियम 15(4) और उसकी प्रोविज़ो को अवैध बताया।
  7. यह नियम अफसरों को पिछली तारीख से सीनियरिटी देता था।
  8. कोर्ट ने कहा कि यह नियम 1979 के मूल JKAS नियमों से टकराता है।
  9. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ‘दीपक अग्रवाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ केस का हवाला दिया।
  10. कोर्ट ने साफ किया कि सीनियरिटी की गणना नियुक्ति की असली तारीख से ही होगी।
  11. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वे वर्षों से एक्टिंग पोस्ट पर काम कर रहे थे।
  12. उन्होंने SDM और असिस्टेंट कमिश्नर जैसे पदों का उदाहरण दिया।
  13. कोर्ट ने कहा कि जब तक चयन सूची नहीं बनती, एक्टिंग पोस्ट पर काम सीनियरिटी नहीं देता।
  14. सरकारी देरी से हुए वित्तीय नुकसान पर कोर्ट ने सहानुभूति जताई।
  15. पर कहा कि संवैधानिक नियमों से समझौता नहीं किया जा सकता।
  16. अदालत ने J&K सिविल सर्विस रूल्स 1956 की धारा 23 का हवाला दिया।
  17. उसमें भी चयन सूची के बिना सीनियरिटी न देने की बात कही गई है।
  18. इस फैसले से भविष्य में अफसरों की सीनियरिटी निर्धारण में स्पष्टता आएगी।
  19. यह निर्णय प्रशासनिक अनुशासन और निष्पक्षता को मजबूती देगा।
  20. कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन प्रशासन में पारदर्शिता के लिए ज़रूरी है।

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