सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग रेप-हत्या मामले में फांसी रोकी।
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने यह आदेश दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने दोषी की मौत की सजा को बरकरार रखा था, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दोषी की फांसी पर फिलहाल रोक लग गई है और मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
इस मामले में दोषी को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप और उसकी हत्या के आरोप में निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। यह घटना काफी सनसनीखेज थी और इसने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था। इस मामले में जल्द न्याय की मांग की जा रही थी। हालांकि, भारतीय कानूनी प्रणाली में किसी भी दोषी को तब तक अंतिम रूप से सजा नहीं दी जाती जब तक कि उसके पास उपलब्ध सभी कानूनी विकल्प खत्म न हो जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को स्वीकार किया है। अब आगे की सुनवाई में यह देखा जाएगा कि क्या निचली अदालतों द्वारा दिए गए फैसले में कोई कानूनी खामी है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम दिखाता है कि वह हर मामले में, खासकर जिसमें मौत की सजा शामिल हो, हर पहलू की बारीकी से जांच करता है। इस फैसले के बाद, पीड़ित परिवार और आम जनता की नजरें अब सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी होंगी।
