सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली की बरी पर अपील खारिज।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के कुख्यात निठारी सीरियल किलिंग मामले में दोषी सुरेंद्र कोली की बरी (acquittal) के खिलाफ दायर अपीलें खारिज कर दी हैं। इस फैसले से एक दशक से भी अधिक पुराने इस जघन्य मामले में कानूनी प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है।

यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आया था, जिसमें न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सुरेंद्र कोली को कुछ मामलों में बरी कर दिया गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों की कमी और जांच में खामियों का हवाला देते हुए कोली को कई मामलों में बरी किया था, जिसके बाद अपीलें सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।

निठारी कांड देश के सबसे जघन्य अपराधों में से एक रहा है, जहाँ 2006 में नोएडा के निठारी गांव में बच्चों और महिलाओं के अवशेष पाए गए थे। इस मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर मुख्य आरोपी थे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कानूनी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों और न्यायपालिका की भूमिका को दर्शाता है।

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