‘सूर्य देवभूमि चैलेंज’ साइकिल रैली में सेना ने दिया रिवर्स माइग्रेशन और पर्यटन का संदेश.

भारतीय सेना द्वारा आयोजित ‘सूर्य देवभूमि चैलेंज’ साइकिल रैली की शुरुआत जोरदार तरीके से हुई।

यह तीन दिवसीय रैली स्थानीय जुड़ाव और रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।

पहले दिन सैनिकों ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से संदेश दिया।

उन्होंने लोगों को अपने गांवों की ओर लौटने और वहीं विकास की राह चुनने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिली।

सैनिकों ने लोकगीतों, नृत्य और नुक्कड़ नाटकों के जरिए अपना संदेश दिया।

बताया गया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं।

रैली का उद्देश्य युवाओं को अपने प्रदेश से जोड़ना है।

सेना ने स्थानीय लोगों के साथ संवाद कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।

इसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग शामिल हुए।

रैली की शुरुआत एक समारोह के साथ हुई जिसमें सेना और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

सैनिकों ने बताया कि पलायन रोकना समय की मांग है।

गांवों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने पर भी चर्चा हुई।

रैली के रास्ते में पड़ने वाले गांवों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए।

स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इस पहल से जुड़े।

रैली के ज़रिए यह संदेश गया कि सेना सिर्फ सीमाओं की रक्षा ही नहीं करती, बल्कि समाज निर्माण में भी भूमिका निभाती है।

स्थानीय लोगों ने भी रैली का गर्मजोशी से स्वागत किया।

यह पहल युवाओं को उत्तराखंड के प्रति गर्व की भावना से जोड़ती है।

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