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- कांग्रेस ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बहाल करने की उम्मीद जताई।
- एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने याचिका दाखिल की।
- रमेश ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की अखंडता तेजी से कम हो रही है।
- याचिका में चुनाव नियमों में संशोधन को चुनौती दी गई है।
- नए नियमों के तहत सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक निरीक्षण से बाहर कर दिए गए हैं।
- सरकार का तर्क है कि यह संशोधन इन दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकने के लिए किया गया है।
- रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग को बिना सार्वजनिक परामर्श के ऐसा संशोधन नहीं करना चाहिए।
- उन्होंने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही के खिलाफ बताया।
- चुनाव आयोग को निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है।
- याचिका में चुनाव आयोग पर मनमाने तरीके से नियम बदलने का आरोप लगाया गया।
- रमेश ने कहा कि यह संशोधन जनता के अधिकारों पर प्रहार है।
- केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चुनाव नियम 93(2)(a) में संशोधन किया।
- इस संशोधन के तहत “पेपर” और दस्तावेज़ सार्वजनिक निरीक्षण से बाहर कर दिए गए।
- कांग्रेस ने इसे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता खत्म करने वाला कदम बताया।
- रमेश ने सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद जताई।
- संशोधन को बिना किसी सार्वजनिक चर्चा के लागू किया गया।
- कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा बताया।
- रमेश ने कहा कि यह जनता की जानकारी तक पहुंच को सीमित करता है।
- कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से संशोधन को निरस्त करने की मांग की।
- याचिका में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता देने की बात कही गई।