जोधपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर लगाया विधानसभा में गतिरोध पैदा करने का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार पर विधानसभा में जानबूझकर अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने बिना किसी कारण छह विधायकों को निलंबित कर दिया।
गहलोत का कहना है कि यदि विपक्ष कोई मुद्दा उठाता है, तो सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि वह समाधान निकाले।
उन्होंने अपनी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने के लिए बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना की।
गहलोत ने कहा कि सरकार को विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए निलंबन वापस लेना चाहिए।
उन्होंने दलितों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि सरकार और पुलिस की साख गिरती जा रही है।
गहलोत ने दलितों को घोड़ी पर चढ़ने से रोके जाने और पुलिस के हस्तक्षेप से शादी करवाने की घटनाओं का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकार और कानून व्यवस्था पर जनता का भरोसा कमजोर कर रही हैं।
गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य में दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे महिलाओं में असुरक्षा बढ़ रही है।
उन्होंने जोधपुर में हाल ही में हुई दुष्कर्म की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार अपराध रोकने में असफल रही है।
गहलोत ने कहा कि सत्ता पक्ष को विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाने की बजाय संवाद करना चाहिए।
उन्होंने मांग की कि सरकार निलंबित विधायकों को वापस बुलाए और विधानसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से चलने दे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने विपक्ष को दरकिनार करने की सरकार की नीति पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसी तरह विपक्ष को दबाएगी, तो लोकतंत्र कमजोर होगा।
गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान की जनता इस तानाशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने सरकार से मांग की कि जनहित की योजनाओं को फिर से शुरू किया जाए।
गहलोत ने कहा कि सरकार केवल राजनीतिक बदले की भावना से फैसले ले रही है।
उन्होंने राजस्थान की जनता से विरोध करने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की अपील की।
अब देखना होगा कि भाजपा सरकार गहलोत की इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।